भारत देश में धार्मिक पर्यटन सबसे ज्यादा प्रचलन में है। ऐसे पर्यटन का जीवन में खास महत्व रहा है-घूमने की दृष्टि से और आस्था के लिहाज से। दक्षिण भारत में तिरुपति एक ऐसी जगह है, जहां हर भारतीय भगवान बालाजी के दर्शन, लड्डू और भगवान का प्रसाद के लिए जाना चाहता है...आंध्र प्रदेश में तिरुपति से करीब २२ किलोमीटर दूर तिरुमाला पहाड़ियों पर भगवान वेंकटेश्वर बालाजी का विशाल परिसर वाला मंदिर है। तकरीबन ५० हजार से एक लाख लोग यहां रोज भगवान बालाजी के दर्शन करते हैं। मंदिर की गतिविधियां सुबह ५ बजे से शुरू होकर तकरीबन रात ९ बजे तक चलती रहती हैं। इतनी बड़ी संख्या में रोज भीड़ का प्रबंधन खुद में बड़ी बात है।
तिरुपति बालाजी के 10 रहस्य
भारत के सबसे चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है भगवान तिरुपति बालाजी। भगवान तिरुपति के दरबार में गरीब और अमीर दोनों सच्चे श्रद्धाभाव के साथ अपना सिर झुकाते हैं। हर साल लाखों लोग तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए एकत्र होते हैं। मान्यता है कि भगवान बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान के सामने प्रार्थना करते हैं, बालाजी उनकी सभी मुरादें पूरी करते हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहां आकर तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करते हैं। इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर से ऐसे रहस्य जुड़े हैं, जिन्हें जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़े ऐसे 10 रहस्य…
1) मूर्ति पर लगे बाल : कहा जाता है कि मंदिर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर लगे बाल असली हैं। ये कभी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं। मान्यता है कि ऐसा इसलिए है कि यहां भगवान खुद विराजते हैं।
2) समुद्र की लहरों की ध्वनि: यहां जाने वाले बताते हैं कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है। यही कारण है कि मंदिर में मूर्ति हमेशा नम रहती है।
3) अद्भुत छड़ी: मंदिर में मुख्य द्वार पर दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी है। इस छड़ी के बारे में कहा जाता है कि बाल्यावस्था में इस छड़ी से ही भगवान बालाजी की पिटाई की गई थी, इस कारण उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी। इस कारणवश तब से आज तक उनकी ठुड्डी पर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता है। ताकि उनका घाव भर जाए।
4) सदैव जलता है यह दीया: भगवान बालाजी के मंदिर में एक दीया सदैव जलता रहता है। इस दीए में न ही कभी तेल डाला जाता है और न ही कभी घी। कोई नहीं जानता कि वर्षों से जल रहे इस दीपक को कब और किसने जलाया था?
5) मूर्ति मध्य में या दाईं ओर: जब आप भगवान बालाजी के गर्भ ग्रह में जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि मूर्ति गर्भ गृह के मध्य में स्थित है। वहीं जब गर्भ गृह से बाहर आकर देखेंगे तो लगेगा कि मूर्ति दाईं ओर स्थित है।
6) गुरुवार को लगाया जाता है चंदन का लेप: भगवान बालाजी की प्रतिमा पर खास तरह का पचाई कपूर लगाया जाता है। वैज्ञानिक मत है कि इसे किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो वह कुछ समय के बाद ही चटक जाता है। लेकिन भगवान की प्रतिमा पर कोई असर नहीं होता।
7) पचाई कपूर: भगवान बालाजी की प्रतिमा पर खास तरह का पचाई कपूर लगाया जाता है। वैज्ञानिक मत है कि इसे किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो वह कुछ समय के बाद ही चटक जाता है। लेकिन भगवान की प्रतिमा पर कोई असर नहीं होता।
8) नीचे धोती और ऊपर साड़ी: भगवान की प्रतिमा को प्रतिदिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से सजाया जाता है। मान्यता है कि बालाजी में ही माता लक्ष्मी का रूप समाहित है। इस कारण ऐसा किया जाता है।
9) यह है अनोखा गांव: भगवान बालाजी के मंदिर से 23 किमी दूर एक गांव है, और यहां बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है। यहां पर लोग बहुत ही नियम और संयम के साथ रहते हैं। मान्यता है कि बालाजी को चढ़ाने के लिए फल, फूल, दूध, दही और घी सब यहीं से आते हैं। इस गांव में महिलाएं सिले हुए कपड़े धारण नहीं करती हैं।
10) मूर्ति को आता है पसीना भी: वैसे तो भगवान बालाजी की प्रतिमा को एक विशेष प्रकार के चिकने पत्थर से बनी है, मगर यह पूरी तरह से जीवंत लगती है। यहां मंदिर के वातावरण को काफी ठंडा रखा जाता है। उसके बावजूद मान्यता है कि बालाजी को गर्मी लगती है कि उनके शरीर पर पसीने की बूंदें देखी जाती हैं और उनकी पीठ भी नम रहती है।
तिरुपती बालाजी मंदिर पैदल यात्रा कैसे करे ...!!!
तिरुपती बालाजी पैदल यात्रा करने के लिये दो मार्ग है. अलीपीरि और श्रीवरी मेटु.
1) Alipiri : ( First Route )
The Gate way to Tirumala Venkateswara Temple
Where is Alipiri?
Alipiri is situated at the foot of Tirumala hills and is the starting pointing of Walking steps to Tirumala. It is also known as Alipiri Padala Mandapam and also The Gate Way to Tirumala Venkateswara Temple. The three ways to reach Tirumala Foot Steps, One Road way up and One Road down meets here. Anyone starting to Tirumala from Tirumala has to go through Alipiri.
What is the Meaning of Alipiri?
Alipiri means “Resting Place”. In older days pilgrims used to climb all the seven hills only through the stepped way on foot, as there was no other option. Hence the pilgrims came from long distances used to take rest for some time there, cooked their food, eat there. After taking rest they started to climb the steps. And hence this place has got its name for this custom.
Alipiri Today
Nowadays all the stepped way is covered with roof to protect the pilgrims from sun light and rain. The lights are also provided. Special privilege is provided to the pilgrims who came on foot for the visit of the god. There are two temples in Alipri and two Gopurams. For people who are going through walk from Tirumala, can drop their luggage here in the luggage counter and can walk. The luggage can be collected in the Luggage center in Tirumala, which will transferred in two hours. Also, at Alipiri, a security zone was established, in 2009, to screen vehicles and pilgrims entering Tirumala, to safeguard the hills from terrorists and anti-social elements.
Footsteps to Tirumala
There is an ancient footsteps path to Tirumala, that starts from Alipiri known as Alipiri Metlu. The Devotees to fulfil their Vow to Lord Venkateswara will take this path to reach Tirumala on foot from Tirupati. It consists of a total 3550 Steps which makes a distance of 11 km. There are Four Gopurams(Temple Towers) on the way. It is completely roofed and passes through seven hills which are part of Seshachalam Hills.
Alipiri and Tirumala Walking Path Timings:
Distance to Tirumala: 11 km
Steps: 3550
Time To walk: Usually 4-6 hours depending on person
Timing: Will be Opened 24 x 7.
Token: Divya Darshan Tokens will be given at Gali Gopuram 2.
How to reach: TTD Free buses will be available from Tirupati Railway Station / Srinivasam Complex.
Toilet: Toilet facilities will be available on the way.
Food: Various food stalls will be available on the way.
Parking: Parking is available in Zoo park road beside the Alipiri Mettu starting point.
Facilities: Completely Roofed path with Water Facility to each 50 steps and Hotels near Gali Gopuram (After 1800 steps)
Timings: Open 24 hours
How to Reach Alipri & Tirumala Foot Steps
Alipiri is 4 km from Tirupati Bus stand and Railway station. You can take TTD Free bus to Alipiri from Bus stand or Railway station. Or You can get in to any Tirumala bus and can get down at Alipiri.
2) Srivari Mettu: ( Second Route )
Srivari Mettu, which is near Srinivasa Mangapuram is an alternative walk path to Tirumala. Many pilgrims prefer Srivari Mettu to Alipiri Mettu, due to its easy to climb nature and less number of steps. Srivari Mettu is around 20 kilometres from the city of Tirupati. It is said that, Lord Venkateswara himself travelled in this route to reach Tirumala from Srinivasa Mangapuram.
The story behind Srivari Mettu is, after getting married to Sri Padmavathi Devi, Lord Venkateswara was asked to stay in Srinivasa Mangapuram for 6 months after marriage and not to climb Tirumala Hills. It is said that Lord Venkateswara along with Padmavati Devii has stayed in Srinivasa Mangapuram for 6 months that he has travelled to Tirumala through Srivari Mettu.
Pilgrims who wants to travel and trek through Srivari Mettu can also visit Srinivasa Mangapuram Temple.
Details of Srivari Mettu:
Number of steps: 2388
Total distance to Tirumala: 2.1 kilometres
Distance from Tirupati to Sri Vari Mettu: 20 kilometre
Time taken to reach Tirumala: 2-3 Hours approximately.
Timings of Srivari Mettu: 6 AM to 6 PM
Parking facility: Yes
Luggage counter facility: Yes
How to Reach Srivari Mettu
You can reach Sri Vari Mettu through 3 ways.
1) You can the free bus from Tirupati Bus stand an Railway Stations, which takes pilgrims directly to Sri Vari Mettu. These free buses runs frequently from Tirupati and one can catch these buses for every 30 minutes.
2) You can take a bus from the APSRTC Bus stand which runs to Rangampet, Madanapalli and can get down at Srinivasa Mangapuram. From Srinavasa Mangapuram, you can take a auto rickshaw to Sri Vari Mettu. But don’t prefer this mode unless you are clean enough of the route as well as location of Bus stops in Tirupati Bus stand.
3) You can hire a private jeep or auto from Tirupati to Sri Vari meetu. This mode of transport is very costly and sometimes drivers may charge you double.
Facilities at Sri Vari Mettu:
Sri Vari Mettu has good number of facilities like parking, luggage counter and food outlets. You can park your vehicles here and can come back by Srivari Mettu itself and take back your vehicles.
The entire path is protected by Sun Shades, Drinking water facilities and Toilets throughout the path
Note:If you take Sri Vari Mettu path to Tirumala, you will reaching Tirumala near MBC Gardens. Luggage counter will be neaby this end. Please note this before you take this path to Tirumala.
Ganesh Bhusari ( Travel guru )Travel Lover & Blogger
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Email: bhusaritourism@gmail.com
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